30th October 2021
त्रिपुरा में मुसलमानो के घरो व उनकी इबादत गाहो पर लगातार हो रहे हमलो के संदर्भ में आज इलाहाबाद में Fraternity Movement के आह्वान पर दीगर संगठनों AISA, DISHA, DUFI, ICM , SFI, PUCL, CITU, WPI, SIO, अधिवक्ता मंच और शहर के तमाम जिम्मेदार नागरिको ने मिल कर विरोध प्रदर्शन किया … जिसके
बाद जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया…..
त्रिपुरा में हालात दिन प्रति दिन खराब होते जा रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हुए कई दिनों से राज्य भर में प्रदर्शन और रैलियां चल रही थी, लेकिन ये रैलियां तेज हो गईं और राज्य के मुसलमानों के खिलाफ हिंसक रूप धारण कर लिया। जिस के नतीजे में मस्जिदों में तोड़फोड़, आगजनी, मुस्लिम दुकानों और घरों में तोड़फोड़, मुस्लिम विरोधी नारेबाजी जैसी घटनाएं रोजाना सामने आ रही हैं।
त्रिपुरा पिछले एक सप्ताह से सांप्रदायिक हिंसा और मुसलमानों पर हमलों की एक खतरनाक दौर से गुजर रहा है। स्थानीय लोगों व कार्यकर्ताओं से मिली जानकारी के अनुसार हिंदुत्ववादी भीड़ द्वारा मुस्लिम क्षेत्रों में मस्जिदों, घरों और लोगों पर हमला करने की 27 घटनाएं सामने आई हैं। जिनमें 16 घटनाएं मस्जिदों में तोड़फोड़ की हैं, तथा जबरन वी एच पी (विश्व हिंदू परिषद) के झंडे फहराए गए। कम से कम तीन मस्जिदें, अनाकोटी जिला में पलबाजार मस्जिद, गोमती जिले में डोगरा मस्जिद तथा विशाल गढ़ में नरूला टीला मस्जिद को आग लगा दी गई। मुस्लिम घरों पर पथराव किया गया और उन्हें निशाना बनाया गया, तथा तोड़फोड़ की भी ख़बरें सामने आ रही हैं।”
सरकार और राज्य प्रशासन द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसा लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि हिंसा खत्म हो और शांति बनी रहे। कई जगहों पर बांग्लादेश की घटनाओं का हवाला देकर त्रिपुरा में स्थिति को सही ठहराया जा रहा है, जिन क्षेत्रों में उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ और आगजनी को अंजाम दिया जा रहा है वहाँ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सरकार तथा प्रशासन के तरफ कुछ ही जगहों पर पुलिस की तैनाती दिखाकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश का दिखावा किया जा रहा है।
हम सरकार से अपील करते हैं कि यथाशीघ्र स्थिति को नियंत्रण में लाया जाए। साथ ही मस्जिदों को हुए नुकसान की भरपाई की जाए। मुसलामानों को विशेष सुरक्षा प्रदान किया जाए और जो आतंक फैला रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि राज्य में शांति स्थापित हो सके।”